सोनिया-राहुल के बाद प्रियंका ने भी उठायी मेडिकल में OBC आरक्षण की माँग !

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब महासचिव प्रियंका गांधी ने भी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षण संस्थानों में NEET के जरिये भरी जाने वाली सीटों पर ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया है। प्रियंका गांधी ने इसे सामाजिक न्याय का तकाजा बताते हुए उम्मीद जताई कि सरकार इस पर अमल करेगी।

दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षण संस्थानों में NEET के जरिये भरी जाने वाली सीटों पर ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया है। सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री से कहा कि ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को आरक्षण न दिया जाना, 93वें संवैधानिक संशोधन का उल्लंघन है तथा योग्य ओबीसी विद्यार्थी के लिए मेडिकल शिक्षा ग्रहण करने में बाधक है।

सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार ओबीसी विद्यार्थियों के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल संस्थानों में ऑल इंडिया कोटा के तहत मेडिकल एवं डेंटल सीट्स का आरक्षण सुनिश्चित करें।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी सोनिया गांधी चिट्ठी को शेयर करते हुए ट्वीट किया कि “कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी ने NEET से भरी जा रही सीटों में राष्ट्रीय कोटा के तहत राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों के चिकित्सा संस्थानों में ओबीसी वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने की जायज माँग उठाई है।

ये सामाजिक न्याय का तकाजा है।

आशा है कि केंद्र सरकार इस पर अमल करेगी।

 

इसके पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मेडिकल में ओबीसी छात्रों के आरक्षण की गारंटी करने की सोनिया गांधी की मांग का समर्थन किया। राहुल ने ट्वीट कर कहा कि ‘सामाजिक न्याय के लिए सकारात्मक कार्रवाई अहम है। मैं राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मेडिकल संस्थानों के मेडिकल और डेंटल सीटों में ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षण बढ़ाने की कांग्रेस अध्यक्ष की मांग का पुरजोर समर्थन करता हूं.’

 

सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा है कि “मैं आपका ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ कि राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के शैक्षिक संस्थानों में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रैंस टेस्ट (NEET) के माध्यम से ऑल इंडिया कोटा के तहत भरी जाने वाली सीटों पर अभी भी ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

यद्यपि ऑल इंडिया कोटा के तहत केंद्र व राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में दलित, आदिवासी एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) के विद्यार्थियों के लिए क्रमशः 15 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं, लेकिन व्यवहारिक रूप से ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी विद्यार्थियों के लिए आरक्षण केवल केंद्रीय संस्थानों तक ही सीमित है। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस द्वारा संकलित किए गए डेटा के अनुसार, 2017 तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के संस्थानों में ओबीसी आरक्षण लागू न किए जाने के चलते ओबीसी प्रत्याशियों की ऑल इंडिया कोटा की 11,000 से ज्यादा सीटें उनसे छिन गईं।”

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा कि “93वें संवैधानिक संशोधन में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को छोड़कर राज्य द्वारा सहायताप्राप्त या गैरसहायताप्राप्त अन्य शिक्षा संस्थानों, जिनमें निजी शिक्षा संस्थान शामिल हैं, में होने वाले प्रवेश में दलित या आदिवासी या सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए विशेष प्रावधान परिकल्पित किए गए हैं।

भारत सरकार द्वारा राज्य के मेडिकल संस्थानों में संचालित किए जाने वाले ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को आरक्षण न दिया जाना, 93वें संवैधानिक संशोधन का उल्लंघन करता है तथा योग्य ओबीसी विद्यार्थी के लिए मेडिकल शिक्षा ग्रहण करने में बाधक है।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि “समानता व सामाजिक न्याय के निष्पादन के लिए मैं केंद्र सरकार से आग्रह करती हूँ कि ओबीसी विद्यार्थियों के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल संस्थानों में भी ऑल इंडिया कोटा के तहत मेडिकल एवं डेंटल सीट्स का आरक्षण सुनिश्चित करें।”


 


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