झारखण्‍ड के 20 सामाजिक कार्यकर्ताओं के ऊपर से राजद्रोह का मुकदमा बेशर्त हटाने की मांग

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झारखण्‍ड में सामाजिक काय्रकर्ताओं के ऊपर से राजद्रोह का मुकदमा बेशर्त हटाने ओरे पत्‍थरगढ़ी से जुड़े आदिवासियों को बेशर्त रिहा करने की मांग उठाते हुए कुछ छात्र-छात्राओं और कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को दिल्‍ली के झारखण्‍ड भवन पर प्रदर्शन किया।

दिल्‍ली में राज्‍य के रेजिडेंट कमिश्‍नर की मार्फत मुख्‍यमंत्री रघुवर दास को एक ज्ञापन भेजा गया जिसमें चार प्रमुख मांगें रखी गईं। पहली मांग 20 सामाजिक कार्यकर्ताओं पर से राजद्रोह का मुकदमा हटाने की है। दूसरी पत्‍थरगढ़ी के आदिवासियों और एक्टिविस्‍टों को रिहा करने की है। तीसरी मांग है विधानसभा में पत्‍थरगढ़ी पर बातचीत करने की ताकि लोगों को इसके बारे में पता चल सके और आखिरी मांग भूमि अधिग्रहण विधेयक के सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन का अध्‍ययन करने की है।

पिछले दिनों झारखण्‍ड में पेसा कानून के तहत अपनी ग्राम सभाओं में आदिवासियों द्वारा पत्‍थरगढ़ी करने को लेकर काफी बवाल मचा था। भाजपा सांसद कडि़या मुंडा के घर पर हमले और तीन सुरक्षाकर्मियों को बंधक बनाए जाने के बाद गिरफ्तारियां हुई थीं। इसी क्रम में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए उनकी फेसबुक पोस्‍ट के आधार पर यह आरोप लगाते हुए कि उन्‍होंने आदिवासियों को  पत्‍थरगढ़ी के लिए भड़काया, मुकदमे लाद दिए गए।

इनमें फादर स्‍टेन स्‍वामी जैसे एनजीओ और सिविल सोसायटी के कई प्रमुख चेहरे शामिल हैं।

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