गुरमेहर मामले में ‘ट्रोल’ बने रिजिजू ! राष्ट्रपति करें बरख़ास्त- आज़ाद भारत

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“न युद्ध हो, और न किसी का पिता बिछड़े”  

गुरमेहर का यह संदेश आज दैनिक भास्कर में आया है। यही बात उसके वीडियो में थी। लेकिन उसे देखे बगैर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजु ने अभद्र टिप्पणियाँ की। इस तरह एक केंद्रीय मंत्री ने ट्रोल की गन्दी भूमिका निभाई। इसके कारण गुरमेहर के खिलाफ भय और नफ़रत का माहौल बना।
आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गुरमेहर ने मांग की है कि इंटरनेट पर ट्रोलिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाकर महिलाओं को सुरक्षा दी जाए।
किरण रिजिजु की उक्त हरकत पर कार्रवाई की मांग करते हुए महामहिम राष्ट्रपति के नाम से एक ऑनलाइन पिटीशन बनाई गई है। ‘आजाद भारत’ की इस पहल का साथ दें। इस पिटीशन पर ऑनलाइन हस्ताक्षर करें और इसे शेयर करके अन्य नागरिकों को भी प्रेरित करें।

सेवा में

महामहिम राष्ट्रपति

नई दिल्ली

विषय – असंवैधानिक कार्य के आलोक में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजु को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने हेतु जनयाचिका

आदरणीय महामहिम

आपने 02 मार्च 2017 को कोच्चि में के.एस. राजामणि स्मृति व्याख्यान के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सहिष्णुता का पक्षपोषण करके हम नागरिकों का भरोसा बढ़ाया है। हम नागरिक चिंतित हैं कि देश में उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे कतिपय लोग अपने असंवैधानिक कृत्यों द्वारा देश के संविधान पर हमला कर रहे हैं। यह हमारे लोकतंत्र के हित में नहीं।

भारत की पड़ोस नीति में ऐसा कभी, कहीं नहीं लिखा-सोचा-कहा गया है कि हम पाकिस्तान से युद्ध करके उसे तहस-नहस कर देंगे या भारत में मिला लेंगे। हमारी पड़ोस नीति शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की रही है। सामरिक मजबूती और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना इसका अनिवार्य अंग है।

गुरमेहर कौर ने 36 स्लाइड के अपने वीडियो में भारत-पाक शांति के गंभीर प्रयास करने की मार्मिक अपील की। दोनों देशों की बड़ी आबादी युद्ध नहीं, शांति चाहती है। गुरमेहर ने हम आम नागरिकों की इसी भावना को अभिव्यक्ति दी थी।

देश के संविधान ने हम नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है। गुरमेहर के विचारों से कोई असहमत हो सकता है। लेकिन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजु की अनावश्यक टिप्पणियों ने गुरमेहर कौर के खिलाफ उन्माद और भय का माहौल पैदा किया। यहां तक कि गुरमेहर को धमकियां दी गईं, जो स्पष्टतया किरण रिजीजु की उकसावामूलक कार्रवाई का परिणाम है।

एक संवैधानिक पद पर बैठे केंद्रीय राज्यमंत्री द्वारा एक नागरिक की स्वतंत्रता में अनावश्यक हस्त़क्षेप करके उसे असुरक्षा में धकेला जाना पूर्णतया असंवैधानिक कृत्य है। अतएव आजाद भारत के हम नागरिकों की अपील है कि किरण रिजीजु को केंद्रीय मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करके यह स्पष्ट संदेश दिया जाए कि ऐसे असंवैधानिक कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आशा है, इस अपील पर समुचित विचार करना चाहेंगे।


.डॉ.विष्णु रजगढ़िया

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