UP: मिर्ज़ापुर नमक-रोटी कांड में PCI ने मुख्य सचिव, गृह सचिव और DGP को तलब किया

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उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मिड-डे-मिल की खबर बनाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल पर मुकदमे दर्ज किए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है. इस मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को तलब किया है. मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक से 18 दिसबंर तक जवाब मांगा गया है.

मिर्जापुर जनपद के बहुचर्चित नमक-रोटी मामले में भारतीय प्रेस परिषद ने योगी सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी सहित कई आला अफसरों को तलब किया है. पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ रपट दर्ज होने के बाद प्रेस प्रेस परिषद की टीम मिर्जापुर पहुंची थी और दो दिनों तक घटना का जांच-पड़ताल की. इस प्रकरण को लेकर पीसीआई आगामी 18 दिसंबर को इलाहाबाद के सर्किट हाउस में इजलास लगाएगी.


एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया पहले ही यूपी के मिर्जापुर के स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कड़ी निंदा पर चुका है. एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकार के खिलाफ की गई कार्रवाई को पत्रकारों के खिलाफ उठाया गया क्रूर कदम बताया था. मिर्जापुर में स्थित एक प्राइमरी स्कूल के बच्चों को नमक के साथ रोटी खिलाने का मामला सामने आया था.

मिर्जापुर के हिनौता के प्राइमरी स्कूल में बच्चे मिड डे मील (दोपहर का भोजन) में नमक के साथ रोटी खाते दिखाई दिए थे. इस मामले को जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने शिक्षक और सुपरवाइजर की लापरवाही बताया. उन्होंने कहा था कि मिड डे मील में लापरवाही बरतने के आरोप में शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया, वहीं सुपरवाइजर से इस मामले में जवाब मांगा गया. प्रशासन ने मामले की जांच का आदेश दे दिया था.

गौरतलब है कि इसी साल मिर्जापुर के अहरौरा इलाके के सिऊर गांव में 22 अगस्त को प्राइमरी स्कूल के बच्चों को नमक रोटी परोसा गया था. शुरू में तत्कालीन डीएम समेत जिले के सभी आला अफसरों ने शिक्षा विभाग को दोषी मानते हुए जिम्मेदार शिक्षकों व अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की थी. बाद में अचानक यूं टर्न लेते हुए तत्कालीन कलेक्टर अनुराग पटेल ने पत्रकार पवन जायसवाल को ही जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया. साथ ही यह भी जोड़ दिया कि नमक-रोटी खिलाए जाने की खबर छपने और चैनलों से प्रसारित होने से सरकार की इमेज प्रभावित हुई.


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