कश्मीर में तीन दिन से नहीं छपे हैं अख़बार!

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कश्मीर में बीते 3 दिनों से कोई अख़बार नहीं छपा है. 5 अगस्त की सुबह को आखिर बार अख़बार पढ़ने को मिला था! ‘इंडियन जर्नलिज्म रिव्यू’ ने लिखा है, “तीसरा दिन है , कश्मीर में समाचार पत्र प्रकाशित नहीं हुए. किसी को आश्चर्य नहीं हुआ, न तो प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, न ही इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी, और न ही एडिटर्स गिल्ड को अवांछित रूप से इसकी कोई चिंता है.”

“For three days running, Kashmir’s newspapers have not been published. To no one’s surprise, neither the Press Council of India, nor the Indian Newspaper Society, nor the Editors Guild seem to be unduly bothered.”

मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को समाचार पत्रों को प्रकाशित नहीं किया गया है.

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (CPJ) के एशिया कार्यक्रम के वरिष्ठ शोधकर्ता आलिया इफ्तिखार ने  बयान में कहा है कि, “इतने महत्वपूर्ण समय में बड़े पैमाने पर संचार व्यवधान स्वतंत्र प्रेस और नागरिक के अधिकार का उल्लंघन है,”

5, अगस्त को राज्य सभा में अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति द्वारा जारी अधिसूचना और गृहमंत्री अमित शाह के संकल्प पत्र पढ़े जाने के पहले से कश्मीर में अतिरिक्त सेना की तैनाती, किसी आतंकी हमले की ख़बरों के बीच 30 सालों में पहलीबार अमरनाथ यात्रा पर रोक और सैलानियों को जल्द से जल्द घर लौटने की सूचना के बीच अचानक कर्फ्यू लगाने, फोन, इन्टरनेट सहित संचार के सभी माध्यमों पर रोक लगाने की आखिरी खबर आई थी.

5 अगस्त से तमाम मीडिया और सोशल मीडिया पर #आर्टिकल 370, #कश्मीर आदि का सैलाब आ गया. किन्तु कश्मीर में क्या हो रहा है, क्या हालात है, किसी को नहीं पता.

आज 8 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 8 बजे फिर से राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं.

वहां कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती सहित अनेक नेता अरेस्ट हैं और कश्मीर में अब तक इंटरनेट, फोन आदि के चालू होने या कर्फ्यू हटाने की कोई सूचना नहीं है.

ऐसे में कर्फ्यू के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कश्मीर में लोगों से मिल कर सड़क किनारे खाना खाते हैं और उसका वीडियो वायरल हो जाता है!

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके प्रशासन से कहा है कि वे संचार माध्यमों से प्रतिबंध हटायें , ताकि कश्मीर के लोग सूचना के अधिकार से वंचित न हों, और पत्रकार भय मुक्त होकर रिपोर्टिंग कर सकें. सीजेपी ने कहा है कि “संचार ब्लॉक का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है.”


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