बनारस की जनता में मीडिया जागरूकता के कुछ साक्ष्य
उत्तेजित भीड़ रिपब्लिक चैनल की ओबी वैन को जलाने के चक्कर में थी तब तक पटना कोतवाली पुलिस पहुँच गयी
इस देश की करोड़ों-करोड़ जनता आज भी सोशल मीडिया से दुनिया नहीं देखती
ज्यादातर अखबारों ने अभिनंदन के वापस आने की खबर को ही बनाया है
संबंधित फाइल पर अब तक प्रसार भारती ने कार्रवाई ही नहीं की
नीलाभ की बरसी पर आयोजित होने वाला दूसरा कार्यक्रम सिद्धार्थ वरदराजन के साथ अमर्त्य सेन की बातचीत का है, जो 27 फरवरी को जवाहर भवन में ही आयोजित किया जाएगा
नई दिल्ली। हिंदुस्तान टाइम्स के कर्मियों का संघर्ष 15 साल बाद रंग ले आया। प्रबंधन ने उनको उनके हक का पैसा दे दिया है। ज्यादातर कर्मचारी कंपनी से मिले चैक का अपने एकाउंट…
इन संगठनों ने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि ऐसे लोगों की पहचान कर के उन्हें दंडित किया जाए जो मीडियाकर्मियों और अन्य को प्रताडि़त कर रहे हैं।
Video Courtesy OBC News
पता नहीं, हमारी पत्रकारिता को इस तरह के लोग कब तक कलंकित करते रहेंगे?
इस झड़प में रिपोर्टर अमन बराबर को हलकी फुलकी चोट आई है हालांकि उन्होंने पुलिस में कोई शिकायत नहीं दी है
पत्रकार आज तक मुलायम की भाषा की शिकायत करते थे, आज वे मर्म पकड़ने में चूक गए
शनिवार शाम चैनल में अपनी लॉन्चिंग पर पूरे आधे घंटे की रिपोर्ट कन्हारपुरी पर उन्होंने दिखायी है
प्रेस क्लब ने प्रबंधन से असहमत सदस्यो को चुप कराने के लिए उनके ऊपर मुकदमेबाजी का रास्ता चुना है
राव के गिरोह और संपादकीय कवभाग के बीच एक छद्म युद्ध चल रहा है जिसका असर 21 जनवरी को परदे पर दिखा।
पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं और क्लब में हास्य कवि सम्मेलन हो रहा है
अन्ना के पिछले और ताजा अनशन की मीडिया कवरेज का चौंकाने वाला अंतर
लेख के बाद दिए परिचय या बाइलाइन में कहीं भी पुरी के मंत्रिपद का जिक्र नहीं है, जो पत्रकारीय बेमानी की मिसाल है
बैठक कवर कर रहे पत्रकार को कांग्रेसी बताकर मारा-पीटा, कैमरा छीना
भविष्य में यदि मेरी हत्या होती है अथवा मुझ पर जानलेवा हमला या फिर कोई अप्रिय घटना मेरे साथ घटित होती है तो इसका जिम्मेदार बलात्कारी बाबा मनमोहन साहेब होगा।
दिल्ली में पत्रकारों पर हमले के खिलाफ समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देवेंद्र पटवाल के मामले को जोरशोर से उठाया गया था
इन चार वर्षों में भरपूर ‘राष्ट्रवादी’ फ़िल्में आयी हैं
साल 2001 के 11 सितंबर ने टीवी को एक और युक्ति के असरदार इस्तेमाल का रास्ता दिखाया
ज़िज़ेक और क्रांति की स्ट्रेटजी पर चर्चा मेरे बस की बात नहीं, पर इतना ज़रूर कह सकता हूँ कि पत्रकारिता के बस में व्यवस्था को धूल चटाना तो दूर, धूल लगाने का भी…
दिल्ली की सर्दी पर केंद्रित आजतक के शो का पोस्टमॉर्टम