डीएवीपी की विज्ञापन नीति के खिलाफ अखबार मालिकों का धरना

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प्रेस विज्ञप्ति 

सूचना प्रसारण राज्य मंत्री ने दिया विज्ञापन नीति सरल बनाने का आश्वासन

 

दिल्ली। विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) की नई विज्ञापन नीति के खिलाफ आज देशभर के अखबार मालिकों ने जन्तर-मन्तर पर सांकेतिक धरना दिया। अखबार मालिकों ने  मांग की कि नई विज्ञापन नीति लघु और मझौले समाचार पत्रों के अनुकूल नहीं है, इसे वापिस किया जाए। सूचना प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने प्रकाशकों को आश्वासन दिया कि विज्ञापन नीति को सरल बनाया जाएगा।
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ऑल इंडिया स्मॉल न्यूजपेपर्स एशोसिएशन के आव्हान पर आज देश भर के सैकड़ों प्रकाशक जन्तर-मन्तर पर एकत्रित हुए और डीएवीपी की नई विज्ञापन नीति को वापिस करने के सांकेतिक धरना दिया। प्रकाशकों का प्रतिनिधिमंडल केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिला और अपनी परेशानियों के संबंध में अवगत कराया। गृहमंत्री ने सूचना प्रसारण राज्यमंत्री से प्रकाशकों की समस्याएं सुनने का अनरोध किया और इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने सूचना प्रसारण राज्यमंत्री के कार्यालय में उनसे भेंट की और नई विज्ञापन नीति पर चर्चा कर इसे वापिस करने की मांग की। राज्यमंत्री श्री राठौर ने प्रकाशकों को विज्ञापन नीति सरल बनाने का आश्वासन दिया।
इससे पूर्व धरने पर उपस्थित प्रकाशकों को आइसना के अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी, इन्द्रप्रस्थ प्रेस क्लब के अध्यक्ष नरेन्द्र भंडारी, एक्सप्रेस मीडिया समूह के स्वामी सनत जैन, दै. बन्देमातरम के सम्पादक दिलबर गोठी, कौमी पत्रिका के प्रकाशक गुरचरण सिंह बब्बर, शाहदरा मेल के सम्पादक अनिल शर्मा, दै. ‘रोज़ाना’ के सम्पादक पवन सहयोगी, सिंह की आवाज के सम्पादक अर्जुन कुमार जैन, दिलेर समाचार के प्रकाशक रामबाबू आर्य, ‘सालार-ए-हिन्द’ के एडिटर वसीउद्दीन सिद्दकी, हिन्द न्यूज के एडिटर अब्दुल माज़िद निज़ामी, सियासी तकदीर के एडिटर मो. मुस्तक़ीम खान, दै. हरित शक्ति के सम्पादक महेश कुमार शर्मा‘ द कंट्री टाइम्स’ के एडिटर विष्णु पुरोहित व मैट्रो रिपोर्टर के सम्पादक जे. के मिश्रा आदि ने सम्बोधित किया और सरकार से इस विज्ञापन नीति को वापिस लेने की अपील की।