CAB: राज्यसभा में चर्चा जारी, असम में प्रदर्शन तेज, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

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असम सहित पूरे पूर्वोत्तर और देश भर में विरोध के बीच लोकसभा से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा चल रही है.असम में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जारी प्रदर्शन और तेज हो गया है. ऑल असम स्टूडेंट यूनियन का कहना है कि उत्तर पूर्व के लोग इसे कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे. अब कश्मीर से सुरक्षा बलों को हटा कर असम में किया जा रहा है . 

असम के लोग शुरुआत से ही इस बिल का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। राज्यसभा में बिल को पेश किए जाने का वक्त नजदीक आने के साथ ही विरोध के स्वर भी तेज हो गए हैं. इसी को देखते हुए कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है, या फिर उनके रास्ते बदल दिए गए हैं। कई ट्रेनों के टाइम-टेबल में भी बदलाव किया गया है. असम के लोग इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

वहीं पूर्वोत्तर में असम, त्रिपुरा, मिज़ोरम से लेकर दक्षिण में तमिलनाडु तक इस बिल के खिलाफ विरोध तेज हो रहा है.विरोध और हिंसा के चलते त्रिपुरा में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.

असम में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं.

छात्रों ने बताया कि उनमें से कई लाठीचार्ज में घायल हो गए. उन्होंने कहा, ‘सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में बर्बर सरकार है। जब तक सीएबी वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हम किसी दबाव में नहीं आएंगे.’ गुवाहाटी के अलावा डिब्रूगढ़ जिले में प्रदर्शनकारियों की झड़प पुलिस से हुई और पत्थरबाजी में एक पत्रकार घायल हो गया.

उधर तमिलनाडु में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध चल रहा है.

इस बीच खबर है कि करीब 700 से अधिक कलाकारों, लेखकों, शिक्षाविदों, पूर्व न्यायाधीशों और पूर्व नौकरशाहों ने सरकार से नागरिकता (संशोधन) विधेयक वापस लेने की अपील करते हुए इसे भेदभावपूर्ण, विभाजनकारी और संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताया है.

जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह सहित 700 से ज्यादा कलाकारों, लेखकों, शिक्षाविदों, पूर्व न्यायाधीशों और पूर्व नौकरशाहों ने इस बिल के विरोध में खुला  पत्र लिखा है .