‘राष्ट्रवाद’ बेचने में जुटा एबीपी भारत के राजचिन्ह पर केंट का लोगो लगा बैठा! क़ानून में जुर्माने और जेल का प्रावधान !


क्या आप जानते हैं भारत के राजचिन्ह पर केन्ट प्यूरीफायर लिखकर टीवी पर दिखाने की सजा क्या है?


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दीपांकर पटेल

क्या आप जानते हैं भारत के राजचिन्ह पर केन्ट प्यूरीफायर लिखकर टीवी पर दिखाने की सजा क्या है? 

ABP NEWS सुमित अवस्थी के शो में भारत के राजचिन्ह पर केन्ट प्यूरीफायर का लोगो लगा रहा है. यही नहीं ABP न्यूज के इस प्राइम टाइम शो के ग्राफिक्स में भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिन्ह को बेस ग्राफिक्स की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. 

आप सोच रहे होंगे इसमें गलत क्या है? 

दरअसल भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का कॉमर्शियल तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

THE STATE EMBLEM OF INDIA (PROHIBITION OF IMPROPER USE) ACT, 2005 की धारा 4 कहती है कि कोई व्यक्ति व्यापार, कारोबार,आजीविका या वृत्ति के प्रयोजन के लिए या किसी डिजाइन में राष्ट्रीय चिन्ह का प्रयोग नहीं करेगा.  और  इसी एक्ट की धारा 3 राष्ट्रीय प्रतीक या उसकी मिलती-जुलती नकल के प्रयोग को प्रतिबन्धित करती है.

एक्ट की धारा 4 के उल्लंघन पर क्या है सजा-

भारत का राजकीय संप्रतीक अनुचित प्रयोग अधिनियम 2005 की धारा 7(2) के मुताबिक धारा 4 के उल्लंघन पर कम से कम 6 महीने की जेल,जो 2 साल तक बढ़ाई जा सकती है की सजा का प्रवधान है. पांच हजार तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

क्या इस एक्ट के बारे में ABP जानता है? जरूर जानता होगा, हर बड़े मीडिया हाउस में लीगल एडिटर होते हैं, जिन्हें कानून की ठीक-ठाक जानकारी होती है. ABP न्यूज में भी लीगल एडिटर जरूर होंगे इसके अलावा हर पत्रकार को थोड़ी बहुत कानूनी समझ होती है. चैनल के प्राइम टाइम पर क्या जा रहा है उसपर सबकी नजर रहती है तो लीगल एडिटर की भी जरूर रहती होगी. 

ऐसे में भारत के राजचिन्ह का इस्तेमाल शो के बेस ग्राफिक्स में हो रहा है, राजचिन्ह के ऊपर केन्ट प्यूरीफायर का लोगो लगाया जा रहा है, उस पर अपने एंकर का नाम भी लिख रहा है, इतना ही नहीं राजचिन्ह को S फैक्टर के साथ क्लाक वाइज सुपर इम्पोज किया जा रहा है.

तो क्या ये सब करने की ABP न्यूज ने भारत सरकार से परमिशन ले रखी है? क्या ऐसी परमिशन मिलेगी? तो या ABP न्यूज इस एक्ट का उल्लंघन नहीं कर रहा है?

क्या शो को राष्ट्रवादी लुक देने के चक्कर में नियमों के उल्लंघन को सही ठहराया जा सकता है?

तो आखिर ऐसा क्यों कर रहा है ABP न्यूज?

पुलवामा हमले के बाद से ही हर न्यूज चैनल में खुद को सबसे बड़ा राष्ट्रवादी चैनल साबित करने की होड़ मची हुई है. इस दौरान न्यूज चैनलों की रेटिंग डेली सोप की तुलना में पहले से बढ़ी है. पुलवामा अटैक के बाद न्यूज चैनलों ने करोड़ो दर्शक खींचने का दावा किया है. कुल मिलाकर ये जन भावनाओं को कैश कराने का मसला है.

राष्ट्रवादी साबित करने के लिए न्यूज चैनल बिना तथ्यों की ख़बरों,विजुअल के साथ-साथ राष्ट्रवादी प्रतीकों का भी सहारा लेते हैं. राष्ट्रवाद की इसी दौड़ में बने रहने के लिए प्राइम टॉइम स्लॉट पर एंकरों को बदला जा रहा है. पहले तो एक ही घंटे में ABP न्यूज ने दो-दो स्टार एंकर लगा दिए. 
मास्टर स्ट्रोक का प्राइम टाइम स्लाट आधा कर दिया गया और फिर सुमित अवस्थी को अशोक स्तम्भ पर बैठाकर लांच कर दिया गया.

एंकर के सर के पीछे अशोक स्तम्भ नचाया जा रहा है, लोककल्याण और शान्ति के प्रतीक को युद्ध की भावनाएं भड़काने के लिए भुनाया जा रहा है.

नोट- मैं कानून का जानकार नहीं हूं,अपने कानून के जानकर दोस्तों को टैग करें और पूछें कि क्या ये नियमानुसार है और अगर नहीं है, तो ABP न्यूज को इसके बाद क्या करना चाहिए, क्या ग्राफिक्स बदलना होगा? क्या मॉफी भी मांगनी पड़ेगा? क्या जुर्माना वगैरह भी देना पड़ सकता है?

नीचे पढ़िए सज़ा-जुर्माने के कानूनी प्रावधान–

लेखक युवा पत्रकार और मीडिया विश्लेेषक हैं।