बलिया के रतसर में पुलिस साम्प्रदायिक तनाव के पीड़ितों की एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है



सत्ता संरक्षण में रतसर में मुस्लिमों के दुकानों में की गई लूटपाट-आगजनी

बलिया/लखनऊ 15 अक्टूबर 2017. बलिया के रतसर में पिछले दिनों हुई सम्प्रदायिक हिंसा के पीड़ितों से बलवंत यादव, डॉ अहमद कमाल, तारिक शफीक, ओवैस असगर, महमूद अंसारी और राजीव यादव ने मुलाकात की. दल ने पाया कि 10 अक्टूबर को शाम के वक़्त में अरविंद राजभर और रिंकू के बीच साइकिल-मोटरसाइकिल की टक्कर के बाद तनाव बढ़ा और दूसरे दिन गांधी आश्रम चौराहे पर हो रहे धरने से उड़ी अफवाह कि हिन्दू युवक की मौत हो गई, के बाद मुस्लिम दुकानों-मकानों पर हमला, लूट-पाट और आगजनी की गई. दंगाइयों ने डॉ मोहम्मद बिस्मिल्लाह के क्लिनिक पर भी हमला किया.

‌रतसर की ठठेरी गली, सदर बाजार, पकड़ी तर के तीन मकान-दुकान समेत दसियों दुकानों को पूरी तरह से लूट के बाद आततायियों ने तहस-नहस कर दिया. हिदायततुल्ला खान के दोमंजिला मकान में स्थित पैतृक कपड़े की दुकान और रिहाइश को जहाँ लूटपाट कर आग के हवाले किया वहीं मुहम्मद शमीम के सीमा जनरल स्टोर के दोमंजिला होलसेल के गोदाम और स्टोर को भी लूटपाट के बाद आग के हवाले कर दिया. राजू रेडीमेड को भी इसी तरह से खाक कर दिया दंगाइयों ने.

गांधी आश्रम चौराहे पर आगे फलों की दुकानों को लूटते हुए सैकड़ों की संख्या में पेट्रोल, लाठी-डंडों, रंभा-लोहे के राड से लैस जुलूस रतसर मुख्य बाजार में प्रवेश करते हुए पहले से चिंहित मुस्लिमों की बड़ी-बड़ी दुकानों निशाना बनाया.

पकड़ी तर पर स्थित दानिश नफीश की कोहिनूर मोबाइल तो उन्हीं के भाई डंपी की सेंट्रल बैंक के पास न्यू कोहिनूर मोबाइल की दुकान को पूरी तरह से लूट लिया. कमाल खान के जिम, नईम अंसारी के हिन्द वॉच, अख्तर नवाज के जनरल स्टोर समेत कई दुकानों पर लूटपाट की.

दल ने पाया कि 20 किलोमीटर दूर सिंकन्दरपुर की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि रतसर को भी साम्प्रदायिक तत्वों ने आग में झोंक दिया. सिकन्दरपुर में साम्प्रदायिक तत्वों के खिलाफ करवाई न होने के चलते साम्प्रदायिक तत्वों का मनोबल बढ़ा. सत्ता संरक्षण में प्रशासन के उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में मुस्लिमों के दुकानों में की गई लूटपाट और आगजनी. पीड़ितों की पुलिस एफआईआर नहीं दर्ज कर रही है.


रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति