पब हमले का वीडियो था, फिर भी श्रीराम सेने बरी, नागरिक फ़ोरम ने जताया क्षोभ !



सिटीज़न फ़ोरम फ़ॉर मैंगलोर डेवलेपमेंट ने 24 जनवरी 2009 को ‘एम्नेशिया पब’ पर हमला करने के आरोपितों की रिहाई पर गहरा क्षोभ जताया है। हमले का आरोप श्रीराम सेने के कार्यकर्ताओं पर था जिन्होंने भारतीय संस्कृति के अपमान का आरोप लगाते हुए पब में तोड़फोड़ और मारपीट की थी। फ़ोरम की ओर से इस सिलसिले में एक बयान जारी किया गया है जिसे नीचे पढ़ा जा सकता है-

हम 2009 के एम्नेशिया पब हमले के सभी अभियुक्तों की रिहाई से निराश हैं। हमारे लिए यह अप्रत्याशित है। हम कानून के अनुसार अपराधियों को सख्त सजा की उम्मीद कर रहे थे। हम राज्य सरकार से माँग करते हैं कि तुरंत अपील करे और अपराध साबित करने और अभियुक्तों के लिए उचित सजा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करे।

अम्नेशिया पब पर हमले की ख़बरें अंतरराष्ट्रीय सुर्खियाँ बनी थीं और युवा लड़कियों पर क्रूर हमले का लाइव टीवी दृश्य देखा गया था। समाचार पत्रों ने पीड़ितों को मारने वाले गुंडों की तस्वीरें ली थीं। यह परेशान करने वाला है कि इस तरह के मजबूत वीडियो और फोटो सबूत के बावजूद लगभग 10 साल तक मुक़द्दमा चलता रहा और आखिर में अभियोजन पक्ष दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने में विफल साबित हुआ।

एम्नेशिया पब पर हमले ने मैंगलोर में ‘मोरेल पुलिसिंग’ की शुरूआत की, जिसने नागरिक स्वतंत्रता की बुनियाद को नष्ट कर दिया। राजनीतिक संरक्षण में एक आपराधिक संस्कृति फली-फूली जिसने ख़ासतौर पर युवाओं और आम नागरिकों को आतंकित किया।

सभी अभियुक्तों को निर्दोष करार दिया जाना न्याय व्यवस्था में लोगों की आस्था को कमजोर करेगा। समाज में गलत संदेश जायेगा कि अपराधी, अपराध करने के बाद भी बच सकते हैं। इससे देश में नागरिक अधिकारों की रक्षा करने की क्षमता प्रभावित होगी। जो नागरिक, गुंडों के खिलाफ शिकायत करने का साहस कर रहे हैं, उन्हें फिर से मौन में धकेल दिया जाएगा।

मीडिया से बातचीत में, श्री रामसेना के प्रमोद मुथालिक ने कई बार खुलकर हमले की बात स्वीकार की थी। आज, निर्दोष क़रार दिए जाने के बाद,पूरी बेशर्मी के साथ मिठाई बांट कर और पटाखे फोड़कर अपनी ‘जीत’ की खुशी मना रहा है। मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि उसने फिर हमले की बात को स्वीकारने जैसे बयान दिए हैं। यह सब न्याय प्रणाली का मजाक बनाता है।

हम राज्य सरकार से, केस से जुडी कमियों को दूर कर फिर से इसे आगे बढ़ाने की मांग करते हैं ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके.

 

विद्या दिनकर (कोआर्डिनेटर)

दिलीप वास  (सदस्य, कोर समूह)

नायक महेश नायक (सदस्य, कोर समूह)

 

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