वैसे, पुलिस का कहना है कि युनुस की मौत बीामारी से हुई है, लेकिन पीड़िता के चाचा ने साज़िश का आरोप लगाया है और पोस्टमार्टम की माँग की है। वहीं इस मामले में विधायक के समर्थक भी ज़बरदस्त दबाव बना रहे हैं। उन्हें सत्ता का संरक्षण भी हासिल है। हाल ही में लखनऊ से प्रकाशित एक बड़े अख़बार के वरिष्ठ संवाददाता को ख़बर छापने के लिए फ़ोन पर धमकी दी गई।

युनुस की मौत 18 अगस्त को हुई थी जिसके बाद दाँव-पेच तेज हो गया है। युनुस की पत्नी की तरफ़ से की तरफ़ से, पोस्टमार्टम की माँग उठाने वाले पीड़ित के चाचा के ख़िलाफ़ ही धमकाने की तहरीर दी गई है। जबकि चाचा का कहना है कि जिस समय की घटना बताई जा रही है, उस समय वह वहाँ मौजूद ही नहीं थे। ज़ाहिर है, इसके पीछे विधायक समर्थकों का दबाव माना जा रहा है। वैसे युनुस के बड़े भाई जान मोहम्मद ने माखी थाना प्रभारी को पत्र लिखकर हत्या का संदेह जताया था औऱ पोस्टमार्टम कराने की माँग की थी।

विधायक समर्थकों की ओर से  इस घटना को दबाने की पूरी कोशिश हो रही है, लेकिन सोशल मीडिया में यह मुद्दा तेज़ी पकड़ता जा रहा है। ख़ासतौर पर राहुल गाँधी द्वारा जर्मनी से ट्वीट किए जाने के बाद सरकार दबाव में आ गई है।