गोरखपुर में ‘हाता’ और ‘मंदिर’ आमने-सामने! छापे के ख़िलाफ़ आज प्रदर्शन!



गोरखपुर में ‘हाता’और ‘मंदिर’ प्रतिद्वंद्विता के दो शिखर प्रतीक रहे हैं। ‘हाता’ यानी हरिशंकर तिवारी का घर और ‘मंदिर’ यानी गुरु गोरखनाथ मंदिर। हरिशंकर तिवारी पूर्व मंत्री और विधायक वगैरह रहे हैं, लेकिन उससे पहले वे पूर्वांचल के बड़े माफ़िया बतौर कुख़्यात रहे हैं। साथ-साथ वे ब्राह्मणों की शक्ति का भी प्रतीक रहे जिनके विरोध में कभी वीरेंद्रप्रताप शाही जैसे माफ़िया क्षत्रियों की नुमाइंदगी करते थे। समय के साथ यह नुमाइंदगी मंदिर से होने लगी और तमाम पाखंड को तोड़ने वाले नाथ संप्रदाय के इस केंद्र को क्षत्रियों का शक्तिकेंद्र के रूप में नई पहचान मिली। यह संयोग नहीं कि  गुरु दिग्विजयनाथ के बाद अवैद्यनाथ और अब आदित्यनाथ क्षत्रिय हैं। बहरहाल, काफ़ी दिनों से हाता हाशिये पर था। तिवारी परिवार के लोग बीएसपी के ज़रिये राजनीति में सक्रिय थे। लेकिन इधर ‘मंदिर’ के हाथ पूरे सूबे की कमान आ गई और 22 अप्रैल को हाता पर पुलिसिया छापा पड़ गया। इस छापे से गोरखपुर में सनसनी फैल गई। साथ ही यह आशंका भी  कि कहीं ब्राह्मण और क्षत्रिय वर्चस्व की नई जंग ना शुरु हो जाए। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही जिस तरह तमाम अहम पदों पर क्षत्रिय अफ़सरों की तैनाती हुई उससे दबी ज़बान में ही सही यह चर्चा  वैसे भीहोने लगी है। हाते पर हुई कार्रवाई के ख़िलाफ़ आज गोरखपुर में प्रदर्शन है। यह प्रदर्शन कम शक्तिप्रदर्शन ज़्यादा हो सकता है जिस पर सबकी नज़र है। नीचे पढ़िये, 22 अप्रैल को पड़े इस छापे की गोरखपुर न्यूज़लाइन में छपी रिपोर्ट-

पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के आवास पर पुलिस का छापा, 6 हिरासत में

गोरखपुर, 22 अप्रैल। चिल्लूपार के बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी एवं प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री हरिशंकर तिवारी के आवास पर शनिवार को पुलिस के छापे ने गोरखपुर में राजनीतिक भूचाल ला दिया। पुलिस ने छापे को अक अपराधी को पकड़ने की कार्रवाई बताया तो तिवारी परिवार ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया। तिवारी परिवार ने पुलिस छापे के खिलाफ सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन का एलान भी कर दिया।

गोरखपुर के एसपी सिटी के अगुवाई में दोपहर बाद लगभग 3 बजे भारी पुलिस बल ने पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी एवं उनके बेटे बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के धर्मशाला स्थित आवास पर छापा मारा और उनके ड्राइवर गुड्डू, अशोक, गौशाला में काम करने वाले बहादुर और एक युवक सहित 6 लोगो को हिरासत में ले लिया। छापे के दौरान पुलिस ने गार्ड शैलेंद्र दूबे को पीटा भी दिया।

जिस वक्त पुलिस का छापा पड़ा पूर्व मंत्री और बसपा विधायक वहाँ मौजूद नहीं थे। सूचना मिलते ही अपने आवास पर पहुंचे बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी का सामना एसपी सिटी से हुआ जहां सर्च वारण्ट को लेकर उनकी तीखी नोकझोंक हुई।

कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित तिवारी हाते में अपराह्न 3 बजे दबिश देने पहुंची पुलिस टीम का नेतृत्व एसपी सिटी हेमराज मीणा कर रहे थे। तकरीबन एक दर्जन पुलिस वाहनों का काफिला जब हाते के सामने रुका तो आसपास की जनता सहम गयी। लोगों को किसी अनहोनी की आशंका होने लगी। कैण्ट, गोरखनाथ, तिवारीपुर, राजघाट और कोतवाली इंस्पेक्टर के अलावा सीओ स्तर के भी कई अधिकारी इस मौके पर मौजूद रहे। हाते के दक्षिणी हिस्से में स्थित दूसरी मंजिल पर पुलिसकर्मियों का दस्ता पहुंच गया और पूरे कमरे को खंगाल डाला और यहां आराम कर रहे दो कर्मचारियों को गिरफ्त में ले लिया। कुछ पुलिसकर्मी गोशाले की तरफ भी बढ़ लिए। वहां मौजूद दो कर्मचारियों को भी दबोच लिया गया। हाते में छप्पर के पास पूछताछ के दौरान दो अन्य कर्मचारियों को भी पुलिस वैन में बैठा लिया गया। इस प्रकार कुल आधे दर्जन लोगों को लेकर पुलिस टीम वहां से निकली।ड्राइवर गुडडू, अशोक, सत्यम और प्रकाश समेत कुल 6 कर्मचारियों को पुलिस ने उठाया। पुलिस ने दबिश में 12 बोर के चार जिंदा कारतूस और 315 बोर के बारह दगे कारतूस भी बरामद होने का दावा किया है।

लूट कांड के आरोपी की तलाश में डाला छापा-एसएसपी

इस मामले में एसएसपी रामलाल वर्मा का कहना है कि खोराबार फोरलेन पर हुए 98 लाख लूटकाण्ड मामले में रिमाण्ड पर लिये गये छोटू चौहान ने सोनू पाठक के बाबत कुछ क्लू दिया है जिसकी पुलिस तलाश कर रही थी। सूचना मिलने पर पुलिस ने दबिश देकर 5 युवकों को उठाया है जिनसे पूछताछ किया जायेगा।

राजनैतिक प्रतिशोध में हुई कार्रवाई: विनय शंकर तिवारी

पुलिस छापे से नाराज चिल्लूपार के बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी ने गोरखपुर न्यूज़ लाइन से कहा कि यह कारवाई राजनीतिक प्रतिशोध में की गई है। सोनू पाठक की तलाश एक बहाना है। यह कार्रवाई इस बात की गवाह है कि हम शासन सत्ता में हैं तो कुछ भी कर सकते हैं। इसके खिलाफ हम सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पार धरना-प्रदर्शन करेंगे।

” हाता” गोरखपुर में राजनीतिक ताकत का एक बड़ा प्रतीक

” हाता” गोरखपुर में राजनीतिक ताकत का एक बड़ा प्रतीक है। यहाँ पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी अपने दो पुत्रों कुशल तिवारी और विनय शंकर तिवारी के साथ रहते हैं। कुशल तिवारी खलीलाबाद सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। विनय शंकर तिवारी पहली बार चिल्लूपार से विधायक चुने गए हैं। इस सीट से उनके पिता हरिशंकर तिवारी कई बार विधायक रहे हैं। वर्ष 2007 और 2012 में वह पत्रकार से नेता बने राजेश त्रिपाठी से चुनाव हार गए। इस चुनाव में विनय शंकर तिवारी बसपा से चुनाव लड़े जबकि राजेश त्रिपाठी भाजपा से। गोरखपुर जिले कि 9 विधान सभा सीटों में से सिर्फ यही एक सीट थी जहां भाजपा को हार मिली।

पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के भांजे गणेश शंकर पांडेय विधान परिषद के सभापति रह चुके हैं। वह इस बार महाराजगंज जिले के पनियरा विधान सभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेन्द्र सिंह से हार गए।

पूर्वाञ्चल कि राजनीति में ” हाता” (तिवारी परिवार) को ” मंदिर” (मुख्यमंत्री एवं गोरखनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ) का राजनीतिक प्रतिद्वंदी माना जाता है।