आरएसएस ने अपने इस शब्दजाल में स्त्री की स्वतंत्रता का कोई पक्ष नहीं लिया है, बल्कि उसे वही स्थान दिया है, जो हिन्दू धर्मशास्त्रों ने उसे दिया है. इस शब्दजाल में उसने आधुनिक…
प्रिय पाठको, चार साल पहले मीडिया विजिल में ‘आरएसएस और राष्ट्रजागरण का छद्म’ शीर्षक से प्रख्यात चिंतक कँवल भारती लिखित एक धारावाहिक लेख शृंखला प्रकाशित हुई थी। दिमाग़ को मथने वाली इस ज़रूरी…
मायावाद पर राहुल सांकृत्यायन ने जबर्दस्त चुटकी ली है—‘जगत भी माया है. माँ भी माया, बाप भी माया, पत्नी भी माया, पति भी माया, उपकार भी माया, अपकार भी माया, गरीब की काम…
प्रिय पाठको, चार साल पहले मीडिया विजिल में ‘आरएसएस और राष्ट्रजागरण का छद्म’ शीर्षक से प्रख्यात चिंतक कँवल भारती लिखित एक धारावाहिक लेख शृंखला प्रकाशित हुई थी। दिमाग़ को मथने वाली इस ज़रूरी…
आरएसएस की इस कहानी में सबसे बड़ा झूठ सतयुग के स्मरण का है, क्योंकि सतयुग को ब्राह्मणों ने इस सिद्धांत पर बनाया है कि शुरु में सत्य और ज्ञान ही था, असत्य और…
समझा जा सकता है कि आरएसएस न परिवार नियोजन के पक्ष में है, और न तलाक के. वह बड़ा परिवार चाहता है, जिसमें ढेर सारे बच्चे हों. शायद इसीलिए भारतीय जनता पार्टी की…
इस पुस्तिका में भी डा. हेडगेवार के सिवा, संघ के किसी अन्य प्रमुख जैसे गोलवलकर आदि के स्वतन्त्रता सेनानी होने का जिक्र तक नहीं है. हेडगेवार के स्वतंत्रता सेनानी होने के बारे में…
अकबर, बड़ा राजा था । प्रताप उसकी तुलना में छोटे राज्य के राजा थे । राजस्थान के लगभग सभी राजपूत रियासतें दिल्ली के समक्ष नत मस्तक थे । विरोध का स्वर अकेले मेवाड़…
डॉ.आंबेडकर ने भारत के स्वतंत्र होने के भी 9 साल के बाद 1956 में हिन्दू धर्म छोड़ा था. और उन्होंने उस बौद्धधर्म का पुनरुद्धार किया, जिसे शंकराचार्य, कुमारिल भट्ट और पुष्यमित्र तीनों ने…
जैसे जानवरों को खूंटे से बाँधा जाता है, वैसे ही आरएसएस भी दलितों को जानवर ही समझता है, जो उन्हें हिंदुत्व के खूंटे से बांधकर रखना चाहता है. लेकिन वह यह क्यों नहीं…
"मुझे पता था कि, मैं आग से खेल रहा हूं। मैंने जोखिम उठाया है और अगर मुझे आज़ाद कर दिया गया, तो भी मैं वही करूँगा, जो पहले कर चुका हूं। मैं हिंसा…
दलितों के राम निर्गुण राम हैं. निर्गुण का अर्थ ही होता है गुणरहित. गुण के लिए देह चाहिए. देह के साथ ही गुण हो सकता है. इसलिए दलितों के राम कबीर और रैदास…
आरएसएस की चिंता वही है, जो शुद्धि आन्दोलन के नेताओं की थी. अगर दलित समुदाय आरएसएस के हाथ से निकल गया, तो पूरे भारत में उसका हिन्दू साम्राज्य कैसे कायम होगा, जो उसका…
बेशक आरएसएस की ये तथाकथित सेवा संस्थाएं सबसे ज्यादा हैं, पर क्या ये वास्तव में गरीबों की सेवा कर रही हैं? आइये, देखते हैं. इनमें एक संस्था विश्व हिन्दू परिषद है, जो गाँव-गाँव…
पीपुल्स मिशन की बैठक में तय हुआ कि क्रांतिकारी कामरेड शिव वर्मा मीडिया पुरस्कार जारी रखे जाएंगे। उसकी प्रिन्ट मीडिया, टेलीविजन समेत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया , सोशल मीडिया , कार्टून और ग्राफिक्स , और…
क्या दलित ही अकेला धर्मपरिवर्तन करता है? क्या ब्राह्मण ने धर्मांतरण नहीं किया है? क्या राजपूत मुसलमान नहीं बने हैं? कितने ब्राह्मणों और राजपूतों की घर वापसी आरएसएस ने कराई है? मदुरा के…
डा. आंबेडकर लिखते हैं कि भारत में ईसाई मिशनों की सेवाएँ महान हैं. पर इन सबका लाभ ब्राह्मणों और उच्च हिन्दुओं ने ही उठाया. [वही, पृष्ठ 427-444, & 445-476] आरएसएस समेत भारत के…
‘भारत के अल्पसंख्यकों का यह दुर्भाग्य है कि यहाँ राष्ट्रवाद ने एक नया सिद्धांत विकसित कर लिया है, जिसे बहुसंख्यकों का अल्पसंख्यकों पर शासन करने का दैवी अधिकार कहा जाता है. इसलिए, अल्पसंख्यकों…
डा. राधाकृष्णन ने हिंदू दर्शन के मामले में किस कदर रायता फैलाया है, इसका जोरदार वर्णन महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने अपने ग्रन्थ ‘दर्शन-दिग्दर्शन’ में किया है. राहुल जी ने उन्हें एक हिंदू लेखक…
‘गर्व से कहो हम हिन्दू हैं’ के संबंध में आरएसएस ने चार विभाग किए हैं—हिन्दू, हिन्दुस्थान, हिन्दुत्व और हिन्दू विचार की श्रेष्ठता. ये चार विभाग वैसे ही हैं, जैसे चार वर्ण. पर, यहाँ…
मिडियापार्ट एक खोजी पत्रिका है और फ्रांस का नियमित एवम बहुप्रसारित अखबार भी नहीं है। फिर भी वहां की सरकार ने राजनीतिक शुचिता को ध्यान में रखते हुए उक्त अखबार के खुलासे पर …
जगद्गुरु का मतलब तो यही है कि पूरा जगत उन्हें धर्म-दर्शन और ज्ञान-विज्ञान में अपना गुरु माने. पर कोई भी देश उन्हें अपना गुरु नहीं मानता. तब वे जगद्गुरु कैसे हो गए? इस…
यह कितना दिलचस्प है कि आरएसएस के दर्शन में वर्णव्यवस्था ईश्वर की सर्वोच्च धारणा है, और यही वर्णव्यवस्था उसके हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा है. गोलवलकर के ये शब्द देखिए-- ‘जातिव्यवस्था की सभी बुराइयां…
देशराज गोयल बीती सदी के आठवें दशक में आरएसएस के सक्रिय कार्यकर्त्ता थे, पर मुस्लिम-विरोध पर उनका मोह भंग हुआ, और शीघ्र ही वह उससे अलग हो गए. उन्होंने अपने अनुभवों के आधार…
चूंकि चीन में इन्फ्रास्ट्रक्चर भी सरकार के दायरे में है, तो जाहिर है, उत्पादन सस्ता होता है। चीन अगर आर्थिक प्रतिस्पर्धा में आज आगे निकल गया है, तो उसकी असल वजह यही है।…